ठोकरें कब रोक पाई हैं मुशाफिर, सफर सुहाना हुआ लड़खड़ाने के बाद। हर सफर में है बदले हमने हमसफर, फिर भी तन्हा रहा हर सफर के बाद। ©AshuAkela #मोटीवेशन #दो_शब्द #status #Bicycle