पड़ा जो तेरे प्रेम में फिर चढ़ा न कोई रंग मेरा मुझमें कुछ ना रहा सबकुछ छोड़ चला मैं तेरे संग तन-मन में वो ऐसे बस गया जैसे कस्तूरी में बसे सुगंध मुझसे वो ऐसे जुड़ गया जैसे डोरी संग उड़े पतंग मुरली की धुन ऐसी बजी जैसे जल में उठे तरंग एक कान्हा को छोड़के दूजा मीरा को नहीं पसंद... © abhishek trehan #yqbaba #yqdidi #tumhara #mera #प्रेम_पर_चिंतन #पुष्प! #astethicthoughts #YourQuoteAndMine Collaborating with Sushma sagar