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क्या लिखूं मैं उसके लिए... जिसे दरिंदगी ने नोच डाल

क्या लिखूं मैं उसके लिए...
जिसे दरिंदगी ने नोच डाला....
कहां गई इंसानियत उन हैवानो की...
जिसने मासूम का आंख तक फोड़ डाला...
जिसे समझ ना थी अपने परायो की...
उसे कैसे हर एक अंग काट डाला...
अभी कदम ही रखे थे इस जहां में उसने...
जिसे इन हैवानो ने मौत के घाट उतार डाला...
अगर मिल जाती इंसाफ इन मासूम को कभी...
तो आज फिर से किसी मासूम पर गंदी नजर ना डाला होता.. कानून का डर नहीं किसी को..
तभी तो ये घटना आम हो गई है..
लड़कियां कहा महफूज है कहीं...
लगता है कानून भी किसी के हाथों नीलाम हो गई है....
#love#life#thought
क्या लिखूं मैं उसके लिए...
जिसे दरिंदगी ने नोच डाला....
कहां गई इंसानियत उन हैवानो की...
जिसने मासूम का आंख तक फोड़ डाला...
जिसे समझ ना थी अपने परायो की...
उसे कैसे हर एक अंग काट डाला...
अभी कदम ही रखे थे इस जहां में उसने...
जिसे इन हैवानो ने मौत के घाट उतार डाला...
अगर मिल जाती इंसाफ इन मासूम को कभी...
तो आज फिर से किसी मासूम पर गंदी नजर ना डाला होता.. कानून का डर नहीं किसी को..
तभी तो ये घटना आम हो गई है..
लड़कियां कहा महफूज है कहीं...
लगता है कानून भी किसी के हाथों नीलाम हो गई है....
#love#life#thought
khushiaashishgoa5572

Ak

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