हम तो लब्जो से भी न कर सके बया वो आशिक बना चुके नया इसलिए इंतजार मत करना मेरे दोस्त अगर चुप रहे तो समझो गया अब ढूंढे भी कैसे आंखों को जचता नही कोई ओर। चुभन सी रहती हर पल ढूंढ रहे मिलेगी, आज नही तो कल एक दिल था ,वो भी गया वो आशिक बना चुके नया हम तो लब्जो से भी न कर सके बया लब्ज