हे स्वर्ण केशी लम्बे सफ़र पर शुरू है पेशी। भजले राम सरकारी दफ्तर से निपटा काम। सेवा पेंशन सम्मान से मिलता अच्छा राशन। आये धुंधल उससे पहले ही देख काबिल। जीवन तेरा जो औरों ने सराहा घर में हारा। ©Mohan Sardarshahari हाइकु