अपने दिल की, सारी बातें, दीवारों से, कह डाली... अपने दिल की, सारी बातें... दीवारों से कह डाली, दीवारों के कान होते हैं, सुनने वाले... मगर बोलने वाली ज़ुबां नहीं, लोगों से क्या कहते हम, लोगों के पास तो बस