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निडर निर्भीक हो जलने को अपने सीने को तान खड़ा है उस

 निडर निर्भीक हो जलने को
अपने सीने को तान खड़ा है
उसके अंदर उसके ही जैसा
लम्बा सा अभिमान खड़ा है
एक हाथ में ढाल लिए वो
खडक एक में तान खड़ा है
उसे देख लगता है जैसे
उस पुतले में जान खड़ा है।
 निडर निर्भीक हो जलने को
अपने सीने को तान खड़ा है
उसके अंदर उसके ही जैसा
लम्बा सा अभिमान खड़ा है
एक हाथ में ढाल लिए वो
खडक एक में तान खड़ा है
उसे देख लगता है जैसे
उस पुतले में जान खड़ा है।