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सावन की फुहार आने से पहले, म🤨क्के के बीज बोए थ

सावन की फुहार आने  से पहले, 
 म🤨क्के के बीज बोए थे, जो क्यारी में
 वह अंकुरित होकर बड़े हो गए, 
 जब जब चलती है मंद हवा
 यूं लगता है, मानो वह 
बातें  कर रहे हों 
  बड़ा पौधा कह रहा है  छोटे से. 
"छोटे तू कब बड़ा होगा, मेरी तरह "
"कोशिश तो कर रहा हूँ दादा "छोटा कहता. 
और हवा रुकते ही बातें भी रूक जाती उनमें.

©Kamlesh Kandpal
  #Savan