#कड़वा_सच
अगर आपको अपने आस पास झूठ और आडम्बरों की आदत लग चुकी है तभी आपको सच कड़वा लगता है। सच कड़वा नहीं होता,सत्य तो परम आनंद की प्राप्ति कराता है। जिस आनंद को हर जीव जाने अनजाने चाहता है,पर जब अपने क्षणिक सुख को पाने के लिए कोई झूठ का सहारा लेता है तब उसे सच कड़वा प्रतीत होने लगता है।
केवल अपने अधिकारों पर दावा कर,और कर्तव्यों से मुँह छिपाना जब आपकी जीवनशैली में शामिल हो जाती है तब आपको सच कड़वा प्रतीत होता है।वस्तुतः सच हमेशा हीं निर्मल, शांति प्रदान करने वाला वो तत्व है जो कि आपके साथ हर विकट परिस्थिति में रहता है,जबकि असत्य स्वार्थी प्रकृति का होता है,इसको याद रखना पड़ता है नहीं तो ये आपको कभी भी किसी संकट में डाल सकता है।
।।सत्यं शिवं सुंदरं।। #विचार