अश्रुओं की अपनी भाषा हैं, जो दिल का हाल बतलाती हैं। कभी खुशी के हाल सुनाकर, कभी दर्द दिखलाती हैं। कोई कभी कहां समझ पायेगा, इन बेशकीमती, मोतीयों की कीमत को। सारे शास्त्र और ग्रंथ,कभी ना कह पायेंगे, अश्रुओं के भावों की सूरत को। आयुष पंचोली ©ayush_tanharaahi #NojotoQuote अश्रुओं की अपनी भाषा हैं, जो दिल का हाल बतलाती हैं। कभी खुशी के हाल सुनाकर, कभी दर्द दिखलाती हैं। कोई कभी कहां समझ पायेगा, इन बेशकीमती, मोतीयों की कीमत को। सारे शास्त्र और ग्रंथ,कभी ना कह पायेंगे,