रोड़े तू लाख अटका ले ऐ जिंदगी, चिकना घड़ा ठहरे हम , हारना हमने सीखा नहीं। तेरे रोड़े बिछाने से फायदा हुआ है मुझको, उबड़-खाबड़ रस्ते मे , दौड़ना मैं सीख गई। किस्मत मेरी अच्छी कहते हो , संघर्ष देखा नहीं नाज़ुक हाथों का रूखापन क्या दिखता नहीं। #रोड़े #उबड़खाबड़ #महज मेरी हंसी से जलफूंक जाते हो तुम रोने की आदत शुमार नहीं मेरे संस्कारों में #jealouspeople #tulikagarg