किसी से उम्मीद करना ही ज़ख़्म बन गया, औक़ात के आगे प्यार, फिर कम पड़ गया। दिल, बाज़ार में दिखा नहीं क्या कुछ और? देख, तेरा ग़म मेरी ख़ुशी को नम कर गया। #rztask136 #rzलेखकसमूह #restzone #collabwithrestzone Rest Zone #मनःविचार #YourQuoteAndMine Collaborating with Shlok Shandilya #sangeetapatidar