एक अकेला चला था जग में, एक अकेला ही जायेगा
एक अकेला कितने से ही धोखा खायेगा
मान ले तू अगर एकांकी के सत्य को अपने जीवन में
कुछ पल के ये रिश्ते नाते मोह लगा कर दुख पाएगा
अगर है आत्मा जीव है नश्वर माया का सब खेल
राम नाम का लेकर विजय पटका तुझको कौन हराएगा #Quotes