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बेवजह तक़दीर को इल्ज़ाम हम देते रहे, पत्थरों के दि

बेवजह तक़दीर को इल्ज़ाम हम देते रहे,
पत्थरों के दिल थे् जिनके दाम हम देते रहे।।

वो हमारा ख़ूने-दिल आते थे पीने बज़्म में,
उनके हाथों में ही अपने जाम हम देते रहे।।

उफ़! ये ख़ुशफ़हमी हमारी और दिल-ए-नादां का साथ!
किन ‌मरासिम को मुहब्बत नाम हम देते रहे।।

अपनी बरबादी का सौदा हमने ख़ुद ही कर लिया,
उनकी हर ख़्वाहिश को बस अंजाम हम देते रहे।

दर्द उल्फ़त बेबसी, रंज-ओ-ग़म और दोस्ती,
दिल को ऐसे रोज़-ओ-शब इल्हाम हम देते रहे। #yqaliem #yqbhaijan #patthar_dil #khune-dil dil-e-nadan #marasim #muhabbat 

बज़्म - महफ़िल
मरासिम - रिश्ते
बेवजह तक़दीर को इल्ज़ाम हम देते रहे,
पत्थरों के दिल थे् जिनके दाम हम देते रहे।।

वो हमारा ख़ूने-दिल आते थे पीने बज़्म में,
उनके हाथों में ही अपने जाम हम देते रहे।।

उफ़! ये ख़ुशफ़हमी हमारी और दिल-ए-नादां का साथ!
किन ‌मरासिम को मुहब्बत नाम हम देते रहे।।

अपनी बरबादी का सौदा हमने ख़ुद ही कर लिया,
उनकी हर ख़्वाहिश को बस अंजाम हम देते रहे।

दर्द उल्फ़त बेबसी, रंज-ओ-ग़म और दोस्ती,
दिल को ऐसे रोज़-ओ-शब इल्हाम हम देते रहे। #yqaliem #yqbhaijan #patthar_dil #khune-dil dil-e-nadan #marasim #muhabbat 

बज़्म - महफ़िल
मरासिम - रिश्ते

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