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खत जो लिखा मैंने इंसानियत के पते पर डाकिया हि चल

खत जो लिखा मैंने इंसानियत के पते पर 
डाकिया हि चल बसा पता  ढूंढ़ते  ढूंढ़ते 
गुलज़ार #abi
खत जो लिखा मैंने इंसानियत के पते पर 
डाकिया हि चल बसा पता  ढूंढ़ते  ढूंढ़ते 
गुलज़ार #abi