नदियाँ से दरिया,झरने का बहता पानी , झील के किनारे, तालाब का ठहरा पानी, पनघट पर सखियो संग जल भरती राधा रानी, नहरों से खेतों की सिचाई करता आदमी, कुओं से गाँव की गोपीयो का भरता पानी, पानी का अहसास ही जीवन में भर देता जवानी, पानी के बिना धरती पर नहीं जिंदगानी, पानी की बढती किल्लत समझो तुम प्राणी हर बूँद को संरक्षित करना हमारी जिम्मेदारी जल ना रहा तो आने वाले कल में बस रहेगी कहानी, ***कुमार मनोज (नवीन) *** #जल संवर्धन #