ना मस्जिदें ना शिवाले तलाश करते हैं, ये भूखे पेट निवाले तलाश करते हैं। कितना तय कर लिया मन्जिल का स़फर, ये पैरों के छाले याद करते हैं। अब मुमकिन नहीं रहना शहर में तिरे, ये गांव के मतवाले बात करते हैं। नहीं चाहिये शौक,औ समान.. हम मजदूर हैं साहब! इक घर तलाश करते हैं! -Raam Sevariya #Labourday #LobourMigration #IndiaMovement #raamsevariya #wordz_from_brokenheart #Covid19😷 India2020🇮🇳