कि शायद अब ज़रूरत ना रही होगी तुम्हें मेरे प्यार की, दास्ताँ भूला चुके हो तुम मेरे इंकार और तुम्हारे इज़हार की, कि इश्क़ मजाक़ था तेरा या... जिस्म की थी चाहत अब वज़ह कुछ समझ नहीं आती इस बेमतलब के दरार की....!!! #Brokenheart💔💔💔