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दुआएं न होतीं घरों में सदाएं न होतीं गर पर्वत ह

दुआएं न होतीं 
घरों में सदाएं न होतीं 

गर पर्वत ही 
होते यहां और
फ़िज़ाएं न होतीं 

तब कौन लिखता 
अपने क़ुर्ब से 
हर दिल को चिट्ठियां ?

कि बेटियां गर न होतीं 
घरों में मायें न होतीं !
🌸 ❤️
#happydaughtersday
दुआएं न होतीं 
घरों में सदाएं न होतीं 

गर पर्वत ही 
होते यहां और
फ़िज़ाएं न होतीं 

तब कौन लिखता 
अपने क़ुर्ब से 
हर दिल को चिट्ठियां ?

कि बेटियां गर न होतीं 
घरों में मायें न होतीं !
🌸 ❤️
#happydaughtersday