हर बार मुझे ज़ख्म-ए-जुदाई ना दिया कर, अगर मेरा नहीं तो मुझको दिखाई ना दिया कर, सच झूठ तेरी आँखों से हो जाता है जाहिर, कसमें ना उठा इतनी, सफाई ना दिया कर, मालूम है तू रहता है अब मुझसे गुरेज़ाँ, पास आकर मोहब्बत की दुहाई ना दिया कर.. एहसास नहीं तुझको अगर मेरी तन्हाई का, औरों को भी तू दरस-ए-भलाई ना दिया कर, उड़ जायें तो फिर लौट के कब आते हैं, हर बार परिंदों को रिहाई ना दिया कर...!!! ©ᴋʜᴀɴ ꜱᴀʜᴀʙ #मोहब्बत_की_दुहाई_न_दिया_कर... hindi poetry on life poetry quotes poetry lovers