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चाहत थी अपने प्रेम के नूर से तेरी जिंदगी रोशन कर द

चाहत थी अपने प्रेम के नूर से तेरी जिंदगी रोशन कर दूँ,
दुनिया की हर एक खुशी मैं तुझ पर ही निछावर कर दूंँ।

लग गई जाने कैसे जमाने की नजर हम दोनों के प्यार को,
सोचा तो था कि मोहब्बत में मैं अपनी जान तेरे नाम कर दूंँ।

कोरी थी मेरी प्रेम कल्पना तेरे बगैर फिर कोरी ही रह गई,
चाहत थी कि अपनी प्रेम कल्पनाओं को हकीकत कर दूंँ। ♥️ Challenge-624 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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चाहत थी अपने प्रेम के नूर से तेरी जिंदगी रोशन कर दूँ,
दुनिया की हर एक खुशी मैं तुझ पर ही निछावर कर दूंँ।

लग गई जाने कैसे जमाने की नजर हम दोनों के प्यार को,
सोचा तो था कि मोहब्बत में मैं अपनी जान तेरे नाम कर दूंँ।

कोरी थी मेरी प्रेम कल्पना तेरे बगैर फिर कोरी ही रह गई,
चाहत थी कि अपनी प्रेम कल्पनाओं को हकीकत कर दूंँ। ♥️ Challenge-624 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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