जिस्म भले दो अलग-अलग,पर उनमें एक ही जाँ होती सबके जैसी प्यारी -प्यारी मेरी भी एक माँ होती उसके बिन मैं आँहे भरता वह भी मेरे बिन रोती सबके जैसी प्यारी-प्यारी मेरी भी एक माँ होती ।। उसकी ममता के सागर में रोज लगाता मैं गोता उसकी आँचल की छैय्या में सिर को रखके सोता चाहे धागा रेशम होता या होता केवल सूती सबके जैसी प्यारी-प्यारी मेरी भी एक माँ होती ।। #माँ #सबके_जैसी_प्यारी_प्यारी_मेरी_भी_एक_माँ_होती #मेरी_माँ #My_lovely_mom_mother_ma_mata Rupam kumari 'निर्मेय'