बहुत कुछ खो दिया हमनें, बहुत कुछ पा लिया खोकर, कभी खुद से संभल जाते, कभी खाकर कहीं ठोकर, अकेला हर कोई चलता, चलो ज़रा दोस्त भी होकर। ©Senty Poet #Friend #dosha #Life #in #sotry #Dosti