कहां था एक दिन उसे दिल की गहराइयों से.. कभी-कभी बातें किया करो मेरी तन्हाईयों से.. है वक़्त भी,हूं मैं भी इस जहां में एक वक़्त तक... कल ना रहा तो करना गिला खुद की परछाइयों से... Mukesh Kumar rawat.. #Sad