कलम कलम ने ना जाने कितने ताज ढेरो में बदल दिए कलम ने ना जाने कितनों के ढेर ताजो में बदल दिए ये जहाँ भी ईमानदारी से चली है इतिहास बनया है कलम ने जाने कितनों को ताज कितनो मोहताज में बदल दिए ।। कुमार महेश "माही" जोधपुर