।।विद्वान् सर्वत्र पूज्यते ।। मित्रों हो सकता है कि आपके साथ के कुछ लोग धन में आपसे आगे निकल जाये उनके रहन सहन रईसी हो जाये पर याद रखना अपने आप को तुम्हें ऐसा बनाना है कि वो रईस भी आकर तुम्हारे सामने भीगी बिल्ली बन जाये ये तब संभव होगा जब तुम प्रचूर मात्रा में ज्ञानार्जन करते रहोगे. विश्वास मानो साधन हीन होते हुए भी तुम में कितनों को साधन सम्पन्न बनाने की क्षमता हो सकती है ।। अतः ज्ञनावान् बनों धनवान् तो चोर लुटेरे भी होते हैं।। " परम् भाग्यम्" विद्या ददाति विनयम्।