Nojoto: Largest Storytelling Platform

वो चुप था दीदा-ए-नम बोलते थे, कि उस के चेहरे से ग़

वो चुप था दीदा-ए-नम
बोलते थे,
कि उस के चेहरे से ग़म बोलते थे...

-भारत भूषण पन्त #NojotoQuote वो चुप था दीदा-ए-नम बोलते थे,
कि उस के चेहरे से ग़म बोलते थे...
-भारत भूषण पन्त
.
अभी हाल ही में हमें छोड़ कर गये भूषण जी ने बहोत ही आसानी से इतनी बड़ी बात कही थी कि हाथ रुके ही नहीं ये लिखने से...
.
अक़्सर हम कुछ अहसास छुपाने की बेहद नाक़ाम कोशिशों के बाद आख़िर में थक हार कर बैठ ही जाते हैं कि लोग, असल में हमारे लोग जो हमारे अपने हैं सिर्फ चेहरे के बदलते भावों को पढ़ हमारे मन की बात, हमारे दर्द, तक़लीफ़, यहाँ तक कि उस झिझक को भी बख़ूबी आंक लेते हैं जिसे हम न जाने कब से सिर्फ़ इस वजह से सह रहे हैं कि "क्या बताने पर सामने वाला समझेगा ??" 
नहीं, वो कभी नहीं समझेगा, और भला समझे भी क्यों, ज़िन्दगी आपकी अपनी है, आपके जज़्बात, आपके अहसास आपके अपने हैं, इन्हें समझना तो दूर इनके आस पास से किसी का गुज़र पाना भी मुश्किल है और वजह है कि इसे सिर्फ और सिर्फ आप जी रहें हैं, आप सह रहे हैं, जो है सिर्फ़ आपका है...
वो चुप था दीदा-ए-नम
बोलते थे,
कि उस के चेहरे से ग़म बोलते थे...

-भारत भूषण पन्त #NojotoQuote वो चुप था दीदा-ए-नम बोलते थे,
कि उस के चेहरे से ग़म बोलते थे...
-भारत भूषण पन्त
.
अभी हाल ही में हमें छोड़ कर गये भूषण जी ने बहोत ही आसानी से इतनी बड़ी बात कही थी कि हाथ रुके ही नहीं ये लिखने से...
.
अक़्सर हम कुछ अहसास छुपाने की बेहद नाक़ाम कोशिशों के बाद आख़िर में थक हार कर बैठ ही जाते हैं कि लोग, असल में हमारे लोग जो हमारे अपने हैं सिर्फ चेहरे के बदलते भावों को पढ़ हमारे मन की बात, हमारे दर्द, तक़लीफ़, यहाँ तक कि उस झिझक को भी बख़ूबी आंक लेते हैं जिसे हम न जाने कब से सिर्फ़ इस वजह से सह रहे हैं कि "क्या बताने पर सामने वाला समझेगा ??" 
नहीं, वो कभी नहीं समझेगा, और भला समझे भी क्यों, ज़िन्दगी आपकी अपनी है, आपके जज़्बात, आपके अहसास आपके अपने हैं, इन्हें समझना तो दूर इनके आस पास से किसी का गुज़र पाना भी मुश्किल है और वजह है कि इसे सिर्फ और सिर्फ आप जी रहें हैं, आप सह रहे हैं, जो है सिर्फ़ आपका है...
aastha1111785363451

Aastha

New Creator