जब से शुरू किया है रखना रोज़ा मैंने, पानी की एक एक बूंद की क़ीमत समझी है। भूख की हद क्या होती है ये जाना है मैंने। सब्र करना आ गया है मुझको। जब से शुरू किया है रखना रोज़ा मैंने। #रमज़ान#पानी#भूख