जीवन के पर्दे पर हम तुम खेल रहे हैं , जीना तो कबका छोड़ दिया, बस अब झेल रहे है जीवन धागों में लिपटी कटपुतली है, जितनी खिची उतनी उलझी है, दर्शको की इच्छाओं पे कदम उठते है, उसकी उंगलियो के इशारों पे हम झुकते है, हमारा वजूद ही तमाशा है, जिसे सिर्फ नाचना ही आता है , तालिओं में दबी कुचली कही टीस है, हर कोई न्यायधीश है, हर कोई तमाशबीन है, यह मंजर दर्दनाक सही,पर तस्वीर तो हसीन है अब कदम आ खड़े हुए है कब्रों पर, कल फिर नया खेल खेला जाएगा नए पर्दों पर ।। #yqdidi #yqdidichallenge #yqtales #yqbaba #hindi #हिंदी #yqchallenge