ज़रा ज़रा सा रोज़, अश्क़ बहाया करते हैं हम ज़रा ज़रा सा रोज़, मुस्कुराया करते हैं हम दरकार नही कि, हमेशा बताया जाए उन्हें ज़रा ज़रा सा रोज़ , दर्द छुपाया करते हैं हम धीऱे - धीऱे रोज़, तोड़ा करते हैं ख़्वाब हम धीऱे - धीऱे रोज़, सजाया करते हैं रात हम इक़रार है मुझे, हमेशा क्या जताया जाए उन्हें धीऱे- धीऱे रोज़, ख़ुद को बताया करते हैं हम रहते- रहते रोज़ , थोड़ा बिखर जाया करते हैं हम रहते -रहते रोज़, थोड़ा सिमट जाया करते हैं हम तलबगार हैं उनके , हमेशा क्या बताया जाए उन्हें रहते -रहते रोज़, थोड़ा ख़ुद को रूलाया करते हैं हम कहते -कहते रोज़, अब रुक जाया करते हैं हम कहते- कहते रोज़, अब सो जाया करते हैं हम ऐतबार होगा उन्हें भी , कब तक समझाया जाए उन्हें कहते -कहते रोज़, अब थक जाया करते हैं हम ©Aparna Mishra #nojotohindi#zarazarasaroz #vacation