फिर इस देश मे एक किशोरी हवस की भेंट चढ़ाई गयी,
नीच-भेड़ियों-कुत्तों के द्वारा फिर-से तड़पायी गयी।
सामूहिक यों नोचा गया है करके उसका शील-भंग,
कि अस्थि तक को तोड़ा गया है, काटा गया है अंग-अंग।
नंगा-नाच हुआ है विकृत हिंसा का फिर एक बार,
लज्जित-बेबस हो, मानवता फिर से रोई जार-जार। #Rape#आपबीती#कबतक#बलात्कार#gangrape#रेप#दुष्कर्म