मेहंदी का रंग तेरे प्यार के रंग में ढल गई, मेहंदी भी मेरी देखो रच गई, न जानू मै खेल कोई, तेरे संग मेल में मैं सज गई। । मेहंदी रची है मेहंदी अपने पिया के नाम की चढ़ा हैं प्यार का रंग गहरा कहती हैं हमारे हाथों की मेहंदी हमारे चेहरे पर रौनक निकल आई अपनी जिन्दगी तेरे नाम कर दी ।