के शस्त्र उठाना तुम्हारा कर्म बन जाता है, जब शत्रु सर चढ़ जाता है, घर आकर तुम्हारे इज्जत को ललकारता है, तुम्हारे दिए आदर को लात मार ठुकराता हैं, तब अग्नि ही परम बन जाता है, जब शत्रु खिलजी बन कर द्वारे चढ़े आता है। ©Aatish Chandra Mishra #रानी_पद्मावती #रावल_रतन_सिंह #मेवाड़ी