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तुम्हारे साथ से प्रियतम,बड़ा ही चैन मिलता है। हृदय

तुम्हारे साथ से प्रियतम,बड़ा ही चैन मिलता है।
हृदय के पुष्प जो आधे,तभी तो पूर्ण खिलता है।।
मुहब्बत इल्म जो सीखी,सिखाइ है,यहाँ तुमने।
अधर को छू,यहाँ तेरे,कला सीखी,यहाँ जीने।।

©Bharat Bhushan pathak
  तुम्हारे साथ से प्रियतम,बड़ा ही चैन मिलता है।
हृदय के पुष्प जो आधे,तभी तो पूर्ण खिलता है।।
मुहब्बत इल्म जो सीखी,सिखाइ है,यहाँ तुमने।
अधर को छू,यहाँ तेरे,कला सीखी,यहाँ जीने।।

तुम्हारे साथ से प्रियतम,बड़ा ही चैन मिलता है। हृदय के पुष्प जो आधे,तभी तो पूर्ण खिलता है।। मुहब्बत इल्म जो सीखी,सिखाइ है,यहाँ तुमने। अधर को छू,यहाँ तेरे,कला सीखी,यहाँ जीने।। #Poetry

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