नोंच के फेंक दो एहसास सारे, साथ रहा नहीं जाता, दिल तेरी मरम्मत का दर्द अब और सहा नहीं जाता। तेरी यादों की अलमारी में क़ैद हैं जो बातें अनगिनत, सब निकाल के बाहर कर,अब और रखा नहीं जाता। आते-जाते ख़ामोशी से, फिर भी शोर बहुत ज़्यादा है, उनके साथ एक ही जगह अब और रुका नहीं जाता। ज़ख़्म बहुत गहरे हैं मेरे, तू उन्हें और बढ़ाया मत कर, तेरे सुकूँ की ख़ातिर उनसे अब और लड़ा नहीं जाता। छोड़कर यह दुनियादारी, तू देख सिर्फ यारी 'धुन' की, तेरी मोहब्बत का फ़साना, अब और कहा नहीं जाता। Rest Zone आज का शब्द- 'अलमारी' #rzmph #rzmph118 #rzhindi #अलमारी #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #yqdidi