बिखरे जो लफ़्ज़ों के मोती अब वो सिलते नही है इस कदर ज़मी हुई बंज़र इश्क़ की इसमे मोहब्बत के गुल खिलते नहीं है #Hope PRINCE TENDURIYA#Navodayan👨⚕️🌿🌿 Fahim Khan Bakshi गुलरेज़ फहीम