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क्या मैं इतना बुरा हूं कि, तुम भी मुझे झेलने लगी

क्या मैं इतना बुरा हूं कि,
 तुम भी मुझे झेलने लगी हो।
मेरी गलती पर डांटना छोड़,
 मुझ से भागने लगी हो।।

दिल में खटास होगी मेरे लिए,
 ये कभी सोचा ना था मैंने।
क्या तुम भी मुझे लंगड़ा घोड़ा समझ,
ख़ुद ही दांव हारने लगी हो।।

©Shivank Shyamal क्या मैं इतना बुरा हूं कि,
 तुम भी मुझे झेलने लगी हो।
मेरी गलती पर डांटना छोड़,
 मुझ से भागने लगी हो।।

दिल में खटास हो मेरे लिए,
 ये कभी सोचा ना था मैंने।
क्या तुम भी मुझे लंगड़ा घोड़ा समझ,
क्या मैं इतना बुरा हूं कि,
 तुम भी मुझे झेलने लगी हो।
मेरी गलती पर डांटना छोड़,
 मुझ से भागने लगी हो।।

दिल में खटास होगी मेरे लिए,
 ये कभी सोचा ना था मैंने।
क्या तुम भी मुझे लंगड़ा घोड़ा समझ,
ख़ुद ही दांव हारने लगी हो।।

©Shivank Shyamal क्या मैं इतना बुरा हूं कि,
 तुम भी मुझे झेलने लगी हो।
मेरी गलती पर डांटना छोड़,
 मुझ से भागने लगी हो।।

दिल में खटास हो मेरे लिए,
 ये कभी सोचा ना था मैंने।
क्या तुम भी मुझे लंगड़ा घोड़ा समझ,