मैं हूँ ना तू चिंता ही क्यूँ करता है क्यों टुकड़ों पे जीता है तू क्यों तिल तिल यूँ मरता हैं मैं हूँ ना तू चिंता ही क्यूँ करता है आखिर मैं बडा हूँ तेरी पीछे खडा हूँ तू क्यों व्यर्थ में डरता है मैं हूँ ना जब मैं संकट मे था तू भी तो मेरे संग था बिन बोले हर बात न जाने कैसे सब कुछ सही कर लेता था मैं हूँ ना आएगा संकट तो देखेंगे मिल जाएगी फुरसत निपटेंगे बस सब्र कर तू हम हम... मिलेंगे मैं हूँ ना देखना कभी बात न हो पाई तो न डरना, चिट्ठी न आ आई तो मुझे अहसास हो जाएगा तुझे अगर कुछ हो जाएगा मैं हूँ ना पैसे जमा कर रखे हैं मैने बडा हूँ, बडे के क्या कहने आखिरी सांस ही क्यूँ न बची हो तेरी मैं जाँचने डॉक्टर संग लाउंगा मैं हूँ ना मैं वक्त पर आऊंगा मैं हूँ ना मैं वक्त पर ही आऊंगा #मैं_हूँ_ना #Sadharanmanushya ©#maxicandragon मैं हूँ ना तू चिंता ही क्यूँ करता है क्यों टुकड़ों पे जीता है तू क्यों तिल तिल यूँ मरता हैं मैं हूँ ना तू चिंता ही क्यूँ करता है आखिर मैं बडा हूँ तेरी पीछे खडा हूँ