कहने सुनने में तो सारे संस्कारी हो जाते हैं, गुरु जरा सा भी डांटे तो मुहँ भारी हो जाते हैं, नई पीढ़ी की जिम्मेदारी मात-पिता को लेनी है, क्यों दुर्योधन सी हठ पर हम गांधारी हो जाते हैं ? कृष्ण गोपाल सोलंकी ©Krishan Gopal Solanki #Teachersday