गुलज़ार भरा है गुलों के रंग से हमसे जुदा होके बो खुश रह पाएंगे सामने नही तो अकेले में मुस्कुरायेंगे ये खुदा उन्हें कभी गम ने देना हम तो सह गए बो नही सह पाएंगे saurabh kumar