अभी तो मिल के गए हैं वापस फिर आ गए लगता है हमें ख्वाबों में डूबा के जाओगे तुमने मिलने का बहाना भी निकाला है कैसा लगता है हमें तुम खाक में डूबा के जाओगे कभी दुख देकर कभी रुसवाई देकर मेरे गम की गहराई भी तुम बढ़ा कर सकूं ले जाओगे अभी तक मेरे जौक ए तलब में कमी नहीं आई चाहत बढ़ा के इक हादसा ही हमें दे जाओगे रश्म ओ राह ए मुलाकात जब कभी होगी डर है हमें शायद कुछ हिदायत भी हमें दे जाओगे 🙏मेरी स्वरचित इक प्यारी ग़ज़ल बेकरार दिल🙏 ©Prem Narayan Shrivastava #बेकरारी