"इजा मुलाक़ात हुई उनसे, देखी वजाहत नजरें हटी नहीं। माज़िरत...इस ज़हमत के लिए गर हम वज़ाहत न दे सकें, कि हम तो ठहरें रफ़िक़, आपसे रफ़ाक़त की इल्तिज़ा करते हैं।" "इजा (अचानक), वजाहत (मुख मंडल की आभा) माज़िरत(माफ़ी), ज़हमत (कष्ट) वज़ाहत (स्पष्टीकरण) रफ़िक़(दोस्त) रफ़ाक़त(दोस्ती) इल्तिज़ा (प्रार्थना) ©Tejasvi Sidhu "इजा मुलाक़ात हुई उनसे, देखी वजाहत नजरें हटी नहीं। माज़िरत...इस ज़हमत के लिए गर हम वज़ाहत न दे सकें, कि हम तो ठहरें रफ़िक़, आपसे रफ़ाक़त की इल्तिज़ा करते हैं।" "इजा (अचानक),