हसरतें खत्म होना चाहती है, ख़ामोशी आखिर मजंर दिखा रही है। कब तक लिखेगा मुंतजिर खुद को, क़लम की स्याह भी खत्म होने जा रही हैं।। -मुंतजिर ©DHANANJAY PANDEY #मुंतजिर Rohan davesar