काली बेड़ियों को तोड़ आज बजेंगी थालियां बेटे के ही जन्म पर सिर्फ अब न बजेंगी थालियां हम सब एक है ये बतलाएंगी ये बजती थालियां रूढ़िवादी जंजीरों को तोड़ खूब बजेंगी थालियां वंश बढ़ाने के लिए अब पिता ही नहीं बजाएंगे थालियां अब वंश बचाने को मां भी निकल कर बजाएंगी थालियां अंकिता सुरेश सक्सेना बजती थालियां