आभास होता है अपनी न्यूनता का, तुम्हारे समक्ष जाने पर... यद्यपि तुम कभी कहते नहीं हो कुछ ऐसा, पर फिर भी... जाने क्यूँ एक शून्यता रहती है मन में, प्रतीत होता है मेरा समस्त ज्ञान निरर्थक हो गया है। अपने विचारों का भारार्पण नहीं करूँगी तुम पर, इसके स्थान पर अपने ज्ञान को दृढता और परिपक्वता के साथ अधिक उन्नत करने में प्रयासरत् रहूँगी , एक वचन मैं ये स्वयं को देती हूँ, इसका साक्षी स्वयं मेरा हृदय है। - मैं ©Swatlqalb एक पत्र लिखा है स्वयं को #swatalqalb #voiceofheart #TG #thought #tigressthoughts #Love #Missing #letter #open #Talk