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गिरते फिसलते बढ़ा कदम मंजिल पास हो, ऐसा जरूरी तो न

गिरते फिसलते बढ़ा कदम
मंजिल पास हो,
ऐसा जरूरी तो नहीं...
राह चलते अगर
छूट जाये साथ उसका
देकर आवाज बुला लो उसे
बिछ्ड कर दोबारा मिल जाये,
ऐसा जरूरी तो नहीं...
मन के समन्दर में बहती वो तस्वीर
जो सजाई थी 
उस दिन आँखों में
पड़ी है कश्मकश के
अंधेरे कोने में
लौटेगी शाम को रोशनी आज
मेरे जाने के बाद,
ऐसा जरूरी तो नहीं...

©Aesthetic.Poet #साथ_साथ 
#gaurav_iit 
#nojotoLove 
#nojotoquote 
#nojotohindi 
#poem 
#Poetry 
#Hindi
गिरते फिसलते बढ़ा कदम
मंजिल पास हो,
ऐसा जरूरी तो नहीं...
राह चलते अगर
छूट जाये साथ उसका
देकर आवाज बुला लो उसे
बिछ्ड कर दोबारा मिल जाये,
ऐसा जरूरी तो नहीं...
मन के समन्दर में बहती वो तस्वीर
जो सजाई थी 
उस दिन आँखों में
पड़ी है कश्मकश के
अंधेरे कोने में
लौटेगी शाम को रोशनी आज
मेरे जाने के बाद,
ऐसा जरूरी तो नहीं...

©Aesthetic.Poet #साथ_साथ 
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