kinna sona tenu एक थी तमन्ना तुझे पाने की एक था सपना दिल लगाने का 2 तू भी चली गई खेल के दिल से वीरां हुआ मैं तन्हा महफ़िल से तूने कितनों के तूने कितनों के घर को उजाड़ा खुद से मैं पूछता रवा किन्ना सोणा तेनू रब ने बनाया दिल करे वेखदा रवा किन्ना सोना तेनू बस के दिल में छोड़ गया है परदेशी मुंह मोड़ गया है चलता हूं मैं अब अपनी डगर पर मेरे दिल को तू तोड़ गया है तूने कितना फिर तूने कितना फिर मुझको रुलाया जी करे चीखता रवा किन्ना सोना तेनु ... #मोहित पाराशर