मेरी जिंदगी.... ऐ.. मेरी जिंदगी, तू रकीब तू ही मेरा हबीब है, तू दिलकश तू ही दिल फरेब है। न मुक्कमल होने वाली तू दुआ है, तुझपर मेहरबान नही वो ख़ुदा है।। तेरी तंहियाओं का आशिक़ ये जहां है, फिर क्यों? इस गम से तू बेपरवाह है। ऐ मेरी जिंदगी........... तेरी आरजोओं को निशाना बनाकर, लूटा है तुझे संगदिलों ने अफसाना बनाकर। तेरा...तेरे गमो से है रिश्ता कुछ ऐसा... शमा के आगोश में परवाना जैसे।। ऐ मेरी जिंदगी........... मत कर अपनी वेजारी का औरो से शिकवा कर देंगे भरी महफ़िल में वो तुझे रूशवा। तेरी तन्हाई तेरी हिज्र ही तेरा नसीब है, इस रूहानी दौलत से तू क्यों महरूम है।। ऐ मेरी जिंदगी.............. कर इश्क़ इसी से, ये तेरा हसी दिलदार है, यही सुकून, रसूल यही तेरा परवरदिगार है। ना कर तसब्बुर सेहरा में गुलिस्तां का, तू है टूटा हुआ सितारा आसमां का।। ऐ मेरी जिंदगी......... ये तेरा वो सफर है, जिसमे तू तन्हा है, मत कर फिक्र सफर में , अपने हमसफर का। तेरी जिंदगी की तन्हाई ही तेरी रहगुज़र है, ऐ मेरी जिंदगी, तू रकीब, तू ही मेरा हबीब है... तू दिलकशी तू ही दिल फरेब है।। ©- प्रतीक वर्मा #हमारीहयात Ritika suryavanshi Suman Zaniyan