गुलाब तुने दिया वो पहला गुलाब आज़ भी याद है, मेरी किताब में छुपा वो आज़ भी मेरे साथ है, रिश्ते फीके हुए मगर उसकी खुशबू बनी रही, आज़ तू तो नहीं मगर तेरा गुलाब मेरे साथ है। #अंकित सारस्वत # ##गुलाब