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कुछ खामोश सी गुजर रही थी जिंदगी फिर किसी का बसेरा

कुछ खामोश सी गुजर रही थी जिंदगी 
फिर किसी का बसेरा हुआ
 कुछ हलचल हुई और सवेरा हुआ। 
 कुछ सपने दरकिनार दरिया पर थे! 
 सपने साकार हो जाए, 
 शायद रब को ए मंजूर न था! 
फिर देख हलचल उसने- 
 खामोशी से खामोश कर दिया हमें।


Poet & Writter:

©Raushan Shyam Nirala feeling pain kirti Panchal Priyanka Yadav roli yadav Sujata jha Anjali
कुछ खामोश सी गुजर रही थी जिंदगी 
फिर किसी का बसेरा हुआ
 कुछ हलचल हुई और सवेरा हुआ। 
 कुछ सपने दरकिनार दरिया पर थे! 
 सपने साकार हो जाए, 
 शायद रब को ए मंजूर न था! 
फिर देख हलचल उसने- 
 खामोशी से खामोश कर दिया हमें।


Poet & Writter:

©Raushan Shyam Nirala feeling pain kirti Panchal Priyanka Yadav roli yadav Sujata jha Anjali